तू घुला है मेरे ख्यालों में आकर तेरा एहसास हर एक सांस में है फासला कुछ भी हो तेरा मेरा लगता है तू मेरे पास में है आंखों में बस गया है तू इक सुनहरे खवाब की तरह तू मेरे दिल के हर एक...
सदियों से सागर उमड़ रहे हैं अपनी व्यथा सुनाने को कहां कोई चंद्रमा बैठा है उनकी हद तक आने को थोड़ा जगत रचयिता समझे बस थोड़ा चांद समझ जाए फिर देखो उत्पात सिंधु का अपनी प्यास ...
कुछ ने हमसे यूं मुंह मोड़ा कुछ बीच भंवर में छोड़ गए कुछ ने दिखलाई हमदर्दी कुछ हमसे नाते तोड़ गए कुछ मोह पाश में बंधे रहे कुछ मोह पाश को तोड़ गए कुछ ह्रदय में जाकर के बैठे कु...
शहर में हुई है बरसात चलो घूम आयें ले कर हाथों मे जाम चलो झूम आयें हवाएं आयी होगीं जरूर उनसे मिल कर घर से निकले और उन हवाओं को चूम आयें शहर में हुई है बरसात चलो घूम आयें
उतरे हो मेरे जहन में तुम्हें निकाले कैसे सभलते नहीं ये कदम, तुझ तक चले आते हैं अब तुम ही बताओं कि इसको संभाले कैसे तेरी तस्वीर ही रोज करती है कत्ल मेरा तुझसे मिलने की उम्मीद द...
शिव ही प्रारंभ है शिव ही प्रारब्ध हैं शिव से उत्पत्ति हैं शिव में समाप्त है शिव ही है जगत शिव जगत में व्याप्त हैं शिव ही बनाते हैं शिव ही मिटाते हैं शिव से ही निकलते हैं शिव म...