Shiva
शिव ही प्रारंभ है शिव ही प्रारब्ध हैं
शिव से उत्पत्ति हैं शिव में समाप्त है
शिव ही है जगत शिव जगत में व्याप्त हैं
शिव ही बनाते हैं शिव ही मिटाते हैं
शिव से ही निकलते हैं शिव में ही समाते हैं
शिव का ही नाम है शिव का ही काम है
शिव पर ही आस है शिव पर विश्वास है
शिव से ही रचित हूं मुझ में भी शिव व्याप्त है
अंकुरित हो चुका मैं अब मेरी शुरुआत है
Comments
Post a Comment