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तू घुला है मेरे ख्यालों में आकर तेरा एहसास हर एक सांस में है फासला कुछ भी हो तेरा मेरा लगता है तू मेरे पास में है आंखों में बस गया है तू इक सुनहरे खवाब की तरह तू मेरे दिल के हर एक...
हर वक़्त तेरे ख्याल में हूँ ये मत पूछ कि मैं किस हाल हूँ और जिस सवाल ने उलझाया है तुझे मैं भी उलझा उसी सवाल में हूँ
हाले दिल यूं ही सब को बताना नहीं होता दर्द  ए दिल यूं ही जताना नहीं होता सब वो नहीं जो तेरी तकदीर में शामिल हैं सब के दर तेरा आना जाना नहीं होता

Tum

सदियों से सागर उमड़ रहे हैं अपनी व्यथा सुनाने को कहां कोई चंद्रमा बैठा है उनकी  हद तक आने को थोड़ा जगत रचयिता समझे बस थोड़ा चांद समझ जाए फिर देखो उत्पात सिंधु का अपनी प्यास ...
मैं उलझा रहा जिंदगी भर उलझनों को संभालने में अब जाकर जाना कि ये जिंदगी भर की हैं
हर होठों को लगने वाले जाम का शुक्रिया हर पीने वाले खास और आम का शुक्रिया हमें शामिल किया है अपने इस महफ़िल मे हमको शमिल करने वाली इस शाम का शुक्रिया
कुछ ने हमसे यूं मुंह मोड़ा कुछ बीच भंवर में छोड़ गए कुछ ने दिखलाई हमदर्दी कुछ हमसे नाते तोड़ गए कुछ मोह पाश में बंधे रहे कुछ मोह पाश को तोड़ गए कुछ ह्रदय में जाकर  के बैठे  कु...