जय महाकाल
महाकाल की नगरी में
भोले से मिलने आया हूं
तेरा ही पुत्र हूँ भोले मैं
तुम्हें याद दिलाने आया हूं
मेरे सोए भाग्य जगा दो
कर्म कुशलता पाने को
करो प्रज्वलित मन को मेरे
अंधियारे को मिटाने को
मुझे ज्ञान का सागर दे दो
तुम तो जगत विधाता हो
काल चक्र से मुक्त रहे वो
जिससे तुम्हारा नाता हो
मन का सारा मैल हटा दो
मन शुद्धिकारण हो जाने दो
सृष्टि चक्र को स्वयं चलाऊँ
मुझको सृष्टि हो जाने दो
कंकर कंकर में शंकर है
तो मुझको भी शंकर हो जाने दो
युद्ध छिड़ा जो स्वयं से
उसको और भयंकर होने दो
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