Nizzam1

गद्दारों की चाहत है कि अब ये निजाम ना हो
लाव लश्कर न हो इसका ये इंतजाम ना हो
गीदड़ो को को चुभ रहा है लिबास शेर का
वो चाहते हैं कि दुश्मनों से इंतकाम ना हो

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