तरकश के तीर

वो अपने तरकश में तीर लिए बैठे हैं
जो चलाई नही वो शमशीर लिए बैठे हैं
जिन राम के भरोसे तकदीर चला करती है
वो राम तिरपाल में तकदीर लिए बैठे हैं

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