चुनाव वाला साल

सड़कों के गड्ढे भरने लगे हैं
छोटे नेता अब उभरने लगे हैं
निकम्मे भी अब काम करने लगे हैं
वीराने भी अब  सब सवरने लगे हैं
कैसा ये अजब सा माहौल आ गया
लगता है चुनावों का साल आ गया

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