Gurukul

भारतवर्ष की संस्कृत में शिक्षा का महत्व पहले अति महत्वपूर्ण इस वजह से था कि पहले सभी बच्चों को गुरुकुल भेजा जाता था गुरुकुल में उनके परिवार की परेशानियां उपलब्धियां उनके मस्तिष्क पर हावी नहीं होती थी चाहे किसी गरीब ब्राह्मण का बच्चा हो या किसी राजपरिवार का सभी सामान्य होते थे और वह सभी अपनी बुद्धिमत्ता कार्य की कुशलता कार्य में निपुणता के आधार पर ही अपना भविष्य तय करते थे आज वह व्यवस्था हमारी शिक्षा प्रणाली से समाप्त हो चुकी है जिसकी वजह से आज बहुत अच्छे से अच्छा बालक अपनी परिवार की परिस्थितियों की वजह से आगे नहीं आ पाता और एक बहुत अच्छे से अच्छा बालक अपने परिवार की उपलब्धियों की वजह से भी आगे नहीं आ पाता आज समाज को इस बात पर चिंतन करने की आवश्यकता है कि शिक्षा प्रणाली में बदलाव जरूरी है में बदलाव जरूरी है

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