Ek Shaam

शाम हो चुकी है अपने जाम उठा लो
कब तलक दूसरों की धुन पर नाचोगे
अपनी धुन पर अपनी तान उठा लो
और कब तक दिल में दबा के रखोगे
अपने होठों पे अपने पैगाम उठा लो
वो तीर किस काम के जो चले ही नहीं
अब भी वक्त है, अपनी कमान उठा लो

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