आरक्षण

परिंदे उड़ कैसे रहे हैं , इनके परों को काट दो
सर उठ कैसे रहे हैं , इनके सरों को काट दो
कोई आवाज न आने पाये, मेरी दहलीज तक
खंजर निकालो मेरा, इनकी जुबानं काट दो ।

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