Existence of life
अपनी लेखनी , अपनी सोच, तकरार मेरी अपनी है
किसी माझी के हाथों , नहीं मेरी नाव,
मेरे अपने हाथों में , पतवार मेरी अपनी है
लड़ने के लिए कभी, किराए के सिपाही नहीं ढूंढे
मेरे अपनों हाथों में ,तलवार मेरी अपनी है
अपनी लेखनी , अपनी सोच, तकरार मेरी अपनी है
किसी माझी के हाथों , नहीं मेरी नाव,
मेरे अपने हाथों में , पतवार मेरी अपनी है
लड़ने के लिए कभी, किराए के सिपाही नहीं ढूंढे
मेरे अपनों हाथों में ,तलवार मेरी अपनी है
किस्मत पर ऐतबार किस को है
ReplyDeleteमिल जाये ‘ख़ुशी’ इनकार किस को है
कुछ मजबूरियां हैं मेरे दोस्तों
वरना ‘जुदाई ’ से प्यार किस को है