सितम

मोहब्बत , खिलाफत सियासत और क्या न लिखा
खफा तो रहा , पर कभी खुद को खफा न लिखा
सितम ढाते रहे वो , और मैं सहता रहा ,
बेवफा तो थे वो , पर उनको कभी बेवफा नही लिखा ।

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