Atal se Atal

राष्ट्र को आकार दे  वो , निराकार हो गये
मृत्यु से युद्ध के स्वप्न उनके , साकार हो गये
नवयुग के निर्माताओं को मृत्यु कहां छू सकती है
अपने तन को विघटित कर पटल अमर विचार हो गए

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