इंसान में इंसान

गिद्धों के बीच में कुछ को इंसान बने रहने दो
इतना भी न गिरो अपना ईमान बने रहने दो 
वहशत और जलालत कहीं बाहर से नहीं आती
अपने अंदर के इंसान को इंसान बना रहने दो

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