खुद से पहचान

तू अपनी हैसियत को जान क्यों नहीं लेता
तू जो है वो तू मान क्यों नहीं लेता
कब तलक खुद से जंग जारी रखेगा
कुछ पल के लिए खुद से संधि विराम क्यों नहीं लेता

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